Friday 7 February 2020

योग का अर्थ

योग शब्द का अर्थ 'ऐक्य'या 'एकत्व' होता है जिसका अर्थ होता है 'जोड़ना'|व्यावहारिक स्तर पर योग शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करने का एक साधन है|
             आसन, प्राणयाम, मुद्रा, बंध ध्यान आदि के अभ्यास से यह संतुलन पाया जा सकता है तथा उच्चतर सत्ता के साथ एकत्व स्थापित हो, उसके पूर्व यह अनिवार्य भी है|
योग का लक्ष्य शरीर के विविध कार्यकलापों के बीच पूर्ण सामंजस्य स्थापित करना है ताकि वे सम्पूर्ण शरीर के हित में कार्य करें| 
स्थूल शरीर से प्रारंभ कर योग मानसिक और भावनात्मक स्तर की ओर अग्रसर होता है|अनेक लोग दैनिक जीवन के दबावों और आपसी व्यवहारों से उत्पन्न भय और मानसिक रोगों से पीड़ित होते हैं|योग समस्त व्याधियों को निर्मूल तो नहीं कर सकता, परंतु उनसे जुझना कैसे है इसकी प्रामाणिक विधि प्रदान कर सकता है|
     योग साधारण शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि एक नवीन जीवन - पद्धति को स्थापित करने का प्रभावकारी साधन है, एक ऐसी जीवन - शैली है, जिसमें जीवन बाह्य और आन्तरिक वास्तविकताओं का सुंदर संयोग होता है|निश्चय ही यह जीवन - शैली एक ऐसी अनुभूति है, जिसे बुद्धि से नहीं समझा जा सकता है|अभ्यास और अनुभूति के आधार पर ही इसे जीवंत और समझने लायक बनाया जा सकता है|

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